बगलामुखी मन्त्र सही और गलत

Published by Ashok Prajapati on

इंटरनेट पर कई जगह पर मैंने अशुद्ध रूप से बगलामुखी मंत्र को लिखा पाया है | यदि आप इस मन्त्र का सही उच्चारण नहीं जानते हैं तो यह लेख आपके लिए ही है | इस मन्त्र के द्वारा शत्रु को शांत किया जा सकता है | इस मन्त्र से मुकदमा जीता जा सकता है | आधिदैविक और आधिभौतिक समस्याओं से मुक्ति प्राप्त की जा सकती है | बंधन से मुक्ति प्राप्त की जा सकती है अर्थात यदि कोई बेकसूर व्यक्ति जेल में है या जेल जाने के आसार हैं तो इस साधना से अवश्य लाभ हो सकता है | भूत प्रेत और जादू टोन के आक्रमण से बचा जा सकता है | बगलामुखी साधना करने वाला व्यक्ति प्रभावशाली बनता है | उसे डर नहीं लगता | किसी प्रकार की चिंता हो तो वह भी कुछ समय के बाद दूर हो जाती है |

बगलामुखी मंत्र के क्या लाभ है इस विषय में बहुत कुछ लिखा जा चुका है | आइये अब जानते हैं कि बगलामुखी मन्त्र का सही उच्चारण क्या है |

ॐ ह्रीं बगलामुखी सर्व दुष्टानाम वाचं मुखम पदम् स्तम्भय |

जिव्हां कीलय बुद्धिम विनाशय ह्रीं ॐ स्वाहा |

बगलामुखी मन्त्र के आदि में ह्री या ह्लीं दोनों में से किसी भी बीज का प्रयोग किया जा सकता है | ह्रीं तब लगायें जब आपका धन किसी शत्रु ने हड़प लिया है और ह्लीं का प्रयोग शत्रु को पूरी तरह से परास्त करने के लिए करें | इससे वशीकरण की अद्भुत शक्ति मिलती है | परन्तु यह सब एक दो दिन में नहीं होता | इसके लिए कम से कम ४० दिन तक नियम से जप करना पड़ता है | साधना शुरू करने के लिए संकल्प लेना पड़ता है | सभी नियमों की जानकारी के बिना इस साधना को न करें | अन्यथा साधना समाप्त करने के कुछ दिन बाद आप स्वयं को फिर से शत्रुओं से घिरा पाएंगे | माँ बगलामुखी भक्त से श्रद्धा और विशवास चाहती हैं | यदि आपको पूरी श्रद्धा है तो आपकी साधना में नियमों का समावेश रहेगा |

क्या हैं नियम जानने के लिए पढ़ें बगलामुखी संकल्प |

बगलामुखी मन्त्र में शत्रु के नाम का प्रयोग |

कभी कभी शत्रु का प्रकोप अधिक होने से समय का अभाव रहता है | हाल ही में एक महोदय ने फोन करके बताया की उसका जमीन जायदाद के मामले में किसी से विवाद हो गया है | वे लोग अत्यंत शक्तिशाली है और एक बार हमला भी कर चुके हैं |
दूर होने के कारण संभव नहीं की वह व्यक्ति बगलामुखी साधना के लिए गुडगाव से अम्बाला आ जाए | ऐसी अवस्था में यदि बगलामुखी मन्त्र को नीचे लिखे अनुसार पढ़ा जाए तो तुरंत सुरक्षा मिलती है |

ॐ ह्लीं बगलामुखी अमुक (शत्रु का नाम लें ) दुष्टानाम वाचं मुखम पदम स्तम्भय स्तम्भय |
जिव्हां कीलय कीलय बुद्धिम विनाशय ह्लीं ॐ स्वाहा ||

इस मन्त्र में शत्रु का नाम लेकर कम से कम १००० बार एक दिन में जप करें | शत्रु या तो किसी मुसीबत में फंस जाएगा या फिर कोई भारी गलती करके स्वयं फंस जाएगा | ऐसा मैंने अनुभव में देखा है |

सम्पुट युक्त बगलामुखी मन्त्र |

सम्पुट मन्त्र की शक्ति को दोगुना करने के लिए किया जाता है | किसी भी मन्त्र की शक्ति को सम्पुट द्वारा बढ़ने के लिए साधक को पहले बिना सम्पुट से निश्चित संख्या में जप करना चाहिए | उसके बाद ही सम्पुट लगाया जा सकता है | मन्त्र के आदि में और अंत में बीज लगाने से मन्त्र सम्पुट युक्त हो जाता है |

इस गुप्त सम्पुट युक्त बगलामुखी मन्त्र का उल्लेख कही किया नहीं जाता | यह वर्जित है | इसे तो गुरु के मुख से ही लेना पड़ता है | और दिया उसी को जाता है जो सुपात्र हो | अन्यथा मन्त्र का दुरूपयोग होने पर पाप का भागीदार बनना पड़ता है |


Ashok Prajapati

Ashok Prajapati is India, Ambala based dedicated astrologer serving people from last 25 years. Hi believe in practical astrology which comes from experience. He believes in Hindu Mantras & blessing people who have faith. His mission is to share maximum knowledge he learn from people's life and help the poor and helpless people.

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